बाजार की तेजी से अब लगने लगा है डर, जानिए क्या है बाजार को लेकर ब्रोकरेज की चिंता?
क्या शेयर बाजार ओवरवैल्युड हो गया है? दरअसल HDFC सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में वैल्युएशन पर चिंता जताई है. लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप के 70% स्टॉक्स इस समय 12 सालों के हाई पर कारोबार कर रहे हैं.
शेयर बाजार में जारी बुल रन से अब डर लगने लगा है. दो ब्रोकरेज हाउसेस ने अपने नोट्स में इस बुल रन पर चिंता जताई है. शेयर बाजार के प्रदर्शन की बात करें तो साल 2023 में प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने 22% 56% और 66% का रिटर्न दिया. HDFC Securities ने एक रिपोर्ट में कहा कि ये तीनों इंडेक्स अब ओवर वैल्युड नजर आ रहे हैं. यहां से भविष्य के रिटर्न के लिए बॉटम-अप स्टॉक चुनने की वकालत करते हैं, क्योंकि वर्तमान मल्टीपल के आगे विस्तार की संभावना नहीं है.
स्मॉलकैप में वैल्युएशन सबसे ज्यादा है
रिपोर्ट में कहा गया है कि इतिहास के सापेक्ष ओवर वैल्यूएशन की सीमा स्मॉलकैप में सबसे ज्यादा है, जबकि निरपेक्ष आधार पर मिडकैप इंडेक्स सबसे ज्यादा ओवरवैल्यूड है. इस रैली का एक और पहलू यह है कि यह बहुत व्यापक है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रत्येक सूचकांक में 70 फीसदी स्टॉक अपने दीर्घकालिक (12 वर्ष) औसत मूल्यांकन से ऊपर कारोबार कर रहे हैं.
शेयर बाजार की तेजी से अब ब्रोकरेजेज हुए सतर्क, बाजार की तेजी से अब क्यों लगने लगा डर? क्या है बाजार को लेकर ब्रोकरेज की चिंता?
— Zee Business (@ZeeBusiness) February 16, 2024
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बहुत कम बार ऐसे वैल्युएशन देखे गए हैं
रिपोर्ट में कहा गया है, ओवर वैल्यूएशन का यह स्तर पिछले 20 वर्षों में केवल कुछ ही बार देखा गया है (2007 में जब निफ्टी इंडेक्स का 75 फीसदी इतिहास के सापेक्ष अधिक मूल्यांकित था) और वित्त वर्ष 2015-17 में कुछ हद तक मिडकैप घटकों का 44 फीसदी और वित्त वर्ष 21-22 मिडकैप घटकों का 46 फीसदी (ओवरवैल्यूड) था.
2007 में ओवर वैल्युशन को 2008 की मंदी ने ठीक किया था
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वित्तवर्ष 2007 में सभी सूचकांकों में 2008 में भारी गिरावट के माध्यम से ओवर वैल्यूएशन को ठीक किया गया था. दिलचस्प बात यह है कि पिछले दशक में मिड और स्मॉलकैप सूचकांकों में ओवर वैल्यूएशन के इस स्तर के परिणामस्वरूप अगले 1-2 वर्षों में सूचकांक में तेज सुधार नहीं हुआ है, लेकिन यह निश्चित रूप से अगले कुछ वर्षों में मंद/मामूली रिटर्न और रैली की ओर ले जाता है.
FY25-26 में रिटर्न दोहराना संभव नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है, "इस प्रकार, हमारा मानना है कि निवेशकों के लिए सभी मार्केट-कैप सूचकांकों में अधिक चयनात्मक और बॉटम-अप होने का समय आ गया है, क्योंकि आसान और व्यापक-आधारित रिटर्न का चरण वित्तवर्ष 2025-26 में दोहराया नहीं जा सकता है."
09:26 PM IST